Tuesday, December 25, 2012

कारोबार ज्ञान

डाक विभाग ने शुरू की मोबाइल मनी ट्रांसफर सेवा

डाक विभाग ने 15 नवम्बर 2012 को भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के साथ मिलकर मोबाइल मनी ट्रांसफर सेवा शुरु की है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने दिल्ली और केरल के बीच भारतीय डाक की इस सेवा को लांच किया । इस सेवा के माध्यम से कोई भी व्यक्ति डाकघरों में मोबाइल फोन के जरिये दूसरे व्यक्ति को तत्काल पैसे भेज सकेगा।

एफआईआई के लिए करेंसी हेजिंग हुई आसान
भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी संस्थागत निवेशकों ( एफआईआई) के लिए भारत में करेंसी हेजिंग की सुविधा को और आसान बना दिया गया है । इसके अंतर्गत आरबीआई ने एफआईआई को किसी भी बैंक की किसी भी शाखा के माध्यम से करेंसी हेजिंग करने की अनुमति दे दी है। अभी तक एफआईआई की यह सुविधा केवल उन्हीं बैंक शाखाओं के जरिये करेंसी हेजिंग कर सकते थे, जिनमें उनके खाते होते थे ।

क्या होंगी शर्ते -
एफआईआई को अपने निवेश की वैल्यू का सर्टिफिकेशन एडी कैटगरी के किसी बैंक से कराना होगा ।
एफआईआई को यह भी घोषित करना होगा कि उनकी सम्पूर्ण ग्लोबल आउटस्टैंडिंग हेजिंग व एडी कैटेगरी के सभी बैंकों से रद्द किये गये डेरिवेटिव कॉण्ट्रैक्ट निवेश की इसी मार्केट वैल्यू के अंतर्गत है।
.एफआईआई को तिमाही आधार पर कस्टोडियन बैंक के पास अपने डेरिवेटिव कॉण्ट्रैक्ट और अपने निवेश को मार्केट वैल्यू को अपडेट कराना होगा।
निष्कर्ष – पहले एफआईआई केवल अपने खाते वाले बैंक के माध्यम से हेजिंग कर सकते थे । लेकिन अब रिजर्व बैंक ने किसी भी बैंक की किसी भी शाखा के माध्यम से हेजिंग की अनुमति दे दी है।
अब नये चेक बुक का करना होगा इस्तेमाल
भारतीय रिजर्व बैंक की नयी व्यवस्था के अंतर्गत अब नये वर्ष में होने वाले वित्तीय लेन-देन केवल नये चेक बुक से ही हो सकेंगे। आर. बी. आई. ने दिसंबर 2012 तक इस योजना को प्रभावी करने के आदेश जारी किये थे लेकिन बाद में आरबीआई ने इसकी अवधि 31 मार्च तक बढ़ा दी है। आरबीआई ने कहा है कि इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (ईएमआई) के भुगतान के लिए पोस्ट डेटेड चेक भी बैंकों को इसी अनुरूप बदलने होंगे । नयी व्यवस्था के अंतर्गत चेक में किसी भी प्रकार परिवर्तन या सुधार अब मान्य नहीं होगा । अंकों में या शब्दों में राशि और अदाकर्ता के नाम में परिवर्तन के लिए ग्राहक को नया चेक काटना होगा ।
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ साल पहले सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि ग्राहकों को सीटीएस – 2010 मानक के चेक जारी किये जायें ।
क्या है सीटीएस 2010 मानक
चेक ट्रंकेशन सिस्टम-2010 (सीटीएस-2010 मानक) के अनुसार चेक का आकार एमआईसीआर बैंड कागज की किस्म, पेण्टाग्राफ आदि एकसमान होना चाहिये ।
सभी चेक पर एक मानक वाटरमार्क होता है।
सीटीएस इण्डिया शब्द रोशनी के सामने देखा जा सकता है ।
बैंक का लोगो पराबैगनी स्याही में मुद्रित होता है। जो यूवी युक्त स्कैनर या लैंप में दिखता है। इससे ऑप्टिकल रिकॉग्निशन से डाटा शीघ्र प्रोसेस करने में आसानी होती है ।
भारत में कारोबार करना बेहद मुश्किल – विश्व बैंक
विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) की 23 अक्टूबर 2012 की की प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की विकास गति विश्व के अन्य देशों की तुलना में तीव्र है मगर यहाँ कारोबार करना अब भी बेहद मुश्किल है । नियामकीय बाधाओं में कमी लाने और सीमा पर व्यापार को बढ़ावा देने के बाद भी कम्पनियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस मामले में भारत पड़ोसी देश नेपाल और पाकिस्तान से भी पीछे है । 185 देशों की इस सूची में भारत को इस मामले में 132वाँ स्थान मिला है ।
कैसे करें नकली नोटों की पहचान
नकली नोटों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक वेबसाइट शरु की है। जिसमें नकली नोटों की पहचान के तरीकों का उल्लेख किया गया है। वेबसाइट के डाउनलोड सेक्शन में नोटों के पोस्टर लगाये गये है जिन्हें डाउनलोड कर नकली नोटों की पहचान की जा सकती है । इस वेबसाइट का पता www.paisaboltahairbi.org.in है ।
इसमें नकली नोटों की संख्या का भी उल्लेख है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार भारत में 6457.70 करोड़ के नकली नोट प्रचलन में है ।
पाँच राज्यों में दस रुपये के प्लास्टिक नोट जारी करेगा आरबीआई
नकली नोटों के चलन तथा कागजी नोटों के खराब होने की समस्या से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक पाँच राज्यों में प्लास्टिक के नोट जारी करने का निर्णय लिया है । पायलट प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंग तथा हरियाणा में दस रुपये के प्लास्टिक नोट जारी किये जायेंगे । ये प्लास्टिक नोट पाँच वर्षों तक चलन में रहेंगे और खराब नहीं होंगे ।
प्लास्टिक नोट पॉलीमर से बना होता है ।
पहली बार आस्ट्रेलिया में वर्ष 1993 में इसे प्रचलन में लाया गया ।
पॉलीमर नोट ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, रोमानिया, बरमूडा, ब्रुनेई और वियतनाम में प्रचलन में है ।