Wednesday, October 14, 2009

नोबेल नहीं, दूसरा बुश न पैदा हो

जिस पुरस्कार से महात्मा गाँधी या पंडित जवाहर लाल नेहरू को नहीं नवाजा गया । वह अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को सिर्फ़ नौ माह के कार्यकाल में ही मिल गया। जबकि फ़िल्म अभी पूरी बांकी है।
अगर नोबेल के बारे में बात की जाए तो विभिन्न क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार प्रतिवर्ष स्वीडिश रसायन शास्त्री अल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल (१८३३-९६) की स्मृति में उनकी पुण्यतिथि (१० दिसम्बर)के अवसर पर स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम और नार्वे की राजधानी ओस्लो में दिए जाते हैं। नोबेल ने एक कोष बनाया था। जिसके धन के ब्याज से पुरस्कार की राशि आती है। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने मानवता के हित के लिए भौतिक शास्त्र ,रसायन शास्त्र,शारीरिक क्रिया विज्ञान ,चिकत्सा विज्ञान और विश्व शान्ति में योगदान किया हो.ऐ.बी.नोबेल ने नाइट्रोग्लिसरीन की खोज की। और इसका उपयोग विस्फोटक बनाने में किया गया।

आर्थिक विज्ञान के लिए नोबेल पुरस्कार सन १९६७ में ' रिक्स्वांड दी सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ स्वीडन द्वारा इसकी ३०० वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में स्थापित किया गया। सभी पुरस्कार १९०१ ईसवी से प्रारम्भ हुए। परन्तु अर्थशाश्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार सर्वप्रथम १९६९ में दिया गया।
भौतिक शास्त्र और रसायन शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार स्वीडिश एकेडमी ऑफ़ साइंस द्वारा दिया जाता है। जबकि चिकत्सा और शारीरिक क्रिया विज्ञान के लिए पुरस्कार 'स्टाक होम फैकल्टी ऑफ़ मेडीसिन ' द्वारा दिया जाता है।
साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चयन स्वीडिश एकेडमी ऑफ़ लिटरेचर द्वारा किया जाता है।
शान्ति के क्षेत्र में इस पुरस्कार हेतु निर्णय नार्वे की संसद के पाँच निर्वाचित प्रतिनिधि करते है। कोष का प्रबंध बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स द्वारा किया जाता है। जिसका अध्यक्ष स्वीडन सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। साल २००१ से १०० वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ग में विजेताओं को पुरस्कार स्वरुप एक -एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग ४.७५ करोड़) रुपये की राशि दी जाती है।

ओबामा को पुरस्कार मिलने पर वे ख़ुद आश्चर्य चकित हैं ओबामा ने कहा है कि - मुझे नहीं लगता कि इस पुरस्कार से सम्मानित अनेक युगांतकारी हस्तियों की कतार में मैं कहीं स्वयं को पाता हूँ। ओबामा के इस कथन से उनकी ईमानदारी झलकती है। क्यों कि बहुत से अमेरिकी मानते होंगे कि उन्हें ये पुरस्कार समय से कुछ पहले ही मिल गया है।ओबामा अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके पहले वुडरो विल्सन और फ्रेंकलिन रूजवेल्ट को नोबेल मिल चुका है।

अब दिमाग में ये सवाल कौंध रहा है कि ओबामा ने ऐसा कौन सा शांतिकुंज स्थापित कर दिया है जिससे नोबेल देने की घोषणा कर दी गयी है। अलकायदा और तालिबान के ख़िलाफ़ अमेरिका को अब तक सफलता नहीं मिली हैं। अगर ओबामा विश्व शान्ति के प्रति इतने गंभीर और ईमानदार हैं तो पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता राशि तिगुनी नहीं होती। जबकि ओबामा भली भांति जानते हैं कि पाकिस्तान इस राशि का उपयोग भारत के ख़िलाफ़ आतंक की फसल उगाने में करता है। पश्चिम एशिया में शान्ति स्थापना का अर्थ है इजरायल को मजबूत करना। तो क्या नोबेल पुरस्कार समिति पर कोई दबाव था कि इस साल नोबेल पुरस्कार ओबामा कि दिया जाए। ओबामा दुनिया के किस हिस्से में शान्ति स्थापित कर पायें हैं इसका अभी तक कोई ठोस उदाहरण नही हैं। ईराक और अफगानिस्तान के घाव जल्दी भरने वाले नहीं है। अमेरिका ने जिस फावडे का इस्तेमाल ईराक और अफगानिस्तान के ऊपर किया है पाकिस्तान में भी आतंक की फसल लहलहा रही है । अमेरिका पाकिस्तान के ऊपर इराकी फावडा इस्तेमाल करने के बजाय मरहम दे रहा है। क्या इस लिए शान्ति का पुरस्कार देने के लिए ओबामा को चुना गया है ?

ऐसे में निशित रूप से नोबेल शान्ति पुरस्कार ने ओबामा की नैतिक जिम्मेदारी और प्रतिबध्दता को बढ़ा दिया है। जिससे ओबामा बुश के समान कोई युध्द नहीं छेड़े। अब तो अमेरिका को दूसरे देशों से एन.पी.टी यानी परमाणु अप्रसार संधि में हस्ताक्षर करने के लिए कहने से पहले ओबामा को ख़ुद हस्ताक्षर कर देना चाहिए। क्योंकि वे तो अब शान्ति के मिसाल बन गए हैं।

4 comments:

समयचक्र said...

बहुत बढ़िया प्रस्तुति जानकारीपूर्ण पोस्ट....

samvad said...

बराक ओबामा पर आपका आलेख पढा. अच्छा लगा .आपने नोबेल पुरस्कार को लेकर अच्छी जानकारी देने का सुंदर प्रयास भी किया है. जहा तक मेरी समझ है तो मै गाँधी और नेहरु को नोबेल का मोहताज नही मानता . या किसी भी महापुरुस को नोबेल के मानक पर नही टोला जा सकता .खैर , रही बात बराक की तो यहा मेरा ज्ञान अधूरा है . मैंने बराक के विषय मे कुछ खास नही पढा! और सुनी सुनाई बातो पर कुछ कहना ! यहा कुछ लोगो का कहना है की बराक काबिल है कुछ का कहना है की नही .

jay said...

bahut umda jankari likha hai aapne yeh baat sehi hai barak obama ne abhi tak jung jita nahi balki jung jari hai itni jaldbaji nahi dikhani chahiye thi

SN YADAV said...

bahut achchha aalekh hai, aise hi jankari deni chahiye.