सर -क्रीक विवाद है क्या ?
भारत और पाकिस्तान के बीच सर क्रीक का मुद्दा वर्षो से चल रहा है। यह
जल क्षेत्र गुजरात के कच्छ जिले और सिंध की सीमा के पास स्थित है। यह विवाद अरब
सागर स्थित कच्छ के रण में 96 किलोमीटर लंबे मुहाने को लेकर है जो गुजरात को
पाकिस्तान के सिंध प्रांत से अलग करता है।सर क्रीक की खाड़ी का विवाद से पुराना
रिश्ता रहा है। ईस्ट इंडिया कंपनी के सेना प्रमुख चार्ल्स नैपियर ने 1842 में सिंध को जीतने के बाद उस राज्य का प्रशासन बंबई राज्य को सौंप दिया
था। इसके बाद सिंध में अपना प्रशासन चला रही अंग्रेज सरकार ने सिंध और बंबई के बीच
सीमारेखा खींची थी चे कच्छ के बीच से गुजरती थी। इसमें यह संपूर्ण खाड़ी सिंध
प्रांत में दिखाई गई थी। यानि च्क कच्छ के मूल क्षेत्र से उसे अलग कर सिंध में जोड़
दिया गया था।दूसरी तरफ दिल्ली की अंग्रेज सरकार अपने अधिकृत नक्शे में सिंध और
कच्छ के बीच की सीमारेखा को कच्छ के रण तक खींचने के बाद खाड़ी को बंबई राज्य में
दिखाती थी। स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान ने संपूर्ण खाड़ी क्षेत्र पर अपना मालिकाना
हक जताया। इसके जवाब में भारत का प्रस्ताव चा कि कच्छ के रण से लेकर खाड़ी के मुख
तक की एक सीधी रेखा को सीमारेखा मान लेना चाहिए। परंतु यह प्रस्ताव पाकिस्तान को
मंजूर नहीं था।इस प्रकार से सर क्रीक खाड़ी का करीब 650 वर्ग
किलोमीटर का हिस्सा आज भी विवादित है। इस क्षेत्र से प्राय: पाकिस्तानी रेंजरों
द्वारा भारतीय मछुआरों को उठा ले जाने की खबरें आती रहती हैं। सियाचिन के बाद सर
क्रीक भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ाने वाली एक और सीमारेखा है। लेकिन यह
विवाद सियाचिन की तरह बराबर सुर्खियों में नहीं रहता है।
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